Jakh Devta : जब अंगारों पर नाचे जाख देवता, श्रद्धालु बने साक्षी
Jakh Devta : केदारघाटी में देवशाल गांव के जाखधार मंदिर में जाख देवता ने अवतरित होकर अंगारों पर नृत्य किया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने दृश्य को दिखा। वहीं यज्ञ कुंड की राख को श्रद्धालु अपने घर भी ले गए।
गुप्तकाशी के केदारघाटी में भगवान जाख देवता की मूर्ति को परंपरा के अनुसार विंध्यासनी मंदिर में विराजमान किया। जिसके साथ ही जाख जांच मेले का समापन भी हुआ। पूजा होने के बाद जाख देवता पुजारी पर अवतरित हुए और अंगारों पर नृत्य किया
Jakh Devta :
धार्मिक मान्यता :
Jakh Devta : देवशाल के ब्राह्मणों ने धार्मिक परंपराओं के अनुसार भगवान जाख देवता की पूजा अर्चना की साथ ही ढोल-दमाऊं की थाप के साथ जाख देवता जाखधार मंदिर पहुंचे। जहां जागर और मंगल गीतों के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। हालांकि इस दौरान हल्की बारिश भी हुई मान्यता है कि हर वर्ष माघ मेले में हल्की बारिश जरूर होती है जिसे सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और कहा जाता है कि भगवान शिव द्वारा खुद इस लिंग को जाखधार में स्थापित करने का आदेश दिया था।
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