Villagers Forced To Risk : जान जोख़िम में डालने को मजबूर ग्रामीण , एक चूक ले सकती है जान
Villagers Forced To Risk : उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्यूणा गांव के ग्रामीणों प्रतिवर्ष की तरह भागीरथी नदी पर स्वयं के संसाधनों से अस्थाई लकड़ी की पुलिया तैयार कर मिशाल कायम की है। ग्रामीण प्रतिवर्ष जब नदी का जलस्तर कम होता है तो स्यूणा गांव के पास ही नदी में अस्थाई लकड़ी का पुल तैयार करते है।
Villagers Forced To Risk :
क्योंकि गांव में आवागमन करने के लिए पुल नहीं है और गांव के स्कूली बच्चे बीमार और बुजुर्ग इसी लकड़ी की पुलिया से आवागमन करते है। हालांकि इस अस्थाई लकड़ी की पुलिया पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। एक चूक जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। लेकिन क्या करें ग्रामीणों के सामने मजबूरी है।
ग्रामीणों का कहना है कि 2-3 माह तक इस लकड़ी की पुलिया से हम लोग आना जाना करते है लेकिन जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो समस्या जस की तस बनी रहती है। हालांकि जिला प्रशासन ने गांव के लिए एक ट्रॉली भी लगा रखी है लेकिन ट्रॉली आजकल खराब हो रखी है। जिस कारण ग्रामीण इस लकड़ी के पुल से आवागमन कर कर रहे हैं। ग्रामीण लंबे समय से शासन प्रशासन से गांव के लिए झूला पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं।
Villagers Forced To Risk : लेकिन आज तक पुल का निर्माण न होने से पिछले लम्बे समय से ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है हम तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस प्रकार से ग्रामीण कच्ची लकड़ी की पुलिया पर जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।
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