Father of Nation : देवभूमि उत्तराखंड से जुड़ी है राष्ट्रपिता बापू की कई यादें
Father of Nation : गुलाम भारत में देश को आजाद करने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अल्मोड़ा और बागेश्वर में आए थे। महात्मा गांधी देवभूमि के प्राकृतिक सौंदर्य से काफी प्रभावित हुए थे। यहां पर उनकी कई यादें बसी हुई हैं। साल 2019 में वह बागेश्वर जिले में आए थे। जहां उन्होंने कौसानी में लगभग 14 दिन गुजारे थे और स्वराज भवन की नींव रखी थी |
Father of Nation : लगभग 3 साल पहले बागेश्वर में महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर शहीद स्मारक बनाया गया है। जो अब पाक लक्ष्मेश्वर के नाम से जाना जाता है। वहीं बागेश्वर में कुली बेगार के आंदोलन की सफलता से प्रभावित होकर महात्मा गांधी यहां आए थे। बागेश्वर में उन्होंने अपनी यात्रा डोली की मदद से पूरी की थी। उन्होंने कौसानी को भारत का स्विट्जरलैंड बताया था साथ ही यहां पर उन्होंने योग की किताब भी लिखी थी।
Father of Nation :
बापू की यादें
Father of Nation : महात्मा गांधी ने अल्मोड़ा में एक जनसभा को भी संबोधित किया था और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए आवाज उठाई थी। जिसके बाद उनके आवाहन पर यहां की महिलाएं भी आजादी के आंदोलन में मदद के लिए सामने आई थी। आपको बता दें कौसानी में बापू की यादों को संजोते हुए लगभग 150 तस्वीरें रखी गई है। जो इनके जीवन की धरोहर मानी जाती है। महात्मा गांधी ने यहां देशभक्ति और सादगी को लेकर युवाओं को प्रेरणा दी थी। आपको बता दें अल्मोड़ा में उनकी स्मृति को संजोते हुए अल्मोड़ा के माल रोड पर बापू की स्मृति में गांधी पार्क बनाया गया है।
विचारों से प्रभावित
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से कुमाऊं के लोग काफी प्रभावित थे। यही कारण है कि नैनीताल अल्मोड़ा के कई स्थानों पर महिलाओं ने उनके लिए अपने देवर भी उतार कर दे दिए थे। यहां की महिलाएं उनके विचारों से इतना प्रभावित हुई थी कि वह सत्याग्रह आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थी। महात्मा गांधी के विचारों और उनकी स्मृतियों को संभालते हुए देवभूमि आज उनकी पुण्यतिथि पर उनको नमन करती है।
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