Bal Mithai Uttarakhand : क्यों फेमस है, उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बाल मिठाई ?
Bal Mithai Uttarakhand : वैसे तो उत्तराखंड अपनी सुंदरता और धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है। पर उत्तराखंड राज्य का कुमाऊं क्षेत्र अपनी बाल मिठाई के कारण भी प्रसिद्ध है। यह विशेष रूप से अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी प्रसिद्ध है। इस मिठाई का स्वाद ही इतना लाजवाब है, कि कोई भी इसे बिना खाए नहीं रह सकता। इस मिठाई के जैसा स्वाद कहीं और किसी जगह पर नही मिलेगा। क्योंकि इस मिठाई में पहाड़ी गाय और भैंस के दूध का बने हुए खोये की खुशबू और लाजवाब स्वाद है।
Bal Mithai Uttarakhand :
कैसे बनाई जाती है :
Bal Mithai Uttarakhand :इसके लिए आस-पास के गांवों से शुद्ध दूध इकट्ठा कर उससे शुद्ध खोया तैयार किया जाता है। फिर इस खोये में चीनी मिलाकर इतना भूना जाता है कि इसका रंग गहरा भूरा यानी चॉकलेट ना हो जाए। फिर ठंडा होने के बाद इसको छोटे-छोटे आयताकार टुकड़ों में काट लेते है और उसके बाद इन टुकड़ों के बाहर पोस्ता यानी खसखस के दानों को चीनी में भिगोकर लगाते है। जिससे इस मिठाई का स्वाद कई गुना बढ़ जाता था। साथ ही साथ यह दिखने में भी अत्यधिक आकर्षक लगती हैं।
कब हुआ आविष्कार:
Bal Mithai Uttarakhand : सांस्कृतिक और ऐतिहासिक नगरी अल्मोड़ा से ही बाल मिठाई का आविष्कार हुआ था। 1865 में लाला बाजार के साह परिवार ने मिठाई का आविष्कार किया। आज भी कुछ पुरानी दुकानों में पांचवी पिढ़ी मिठाई की ब्रिकी कर रहे हैं। अल्मोड़ा की मिठाई देश-विदेश में प्रसिद्ध है। माना जाता है यहां की मिठाई कई दिनों तक खराब नही होती। कहा जाता है, महात्मा गांधी ने भी 1929 में अल्मोड़ा आजादी आंदोलन में मिठाई का स्वाद लिया था साथ ही 24 नवम्बर को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने हरीश लाल शाह को दिल्ली तीन मूर्ति भवन में बुलाकर मिठाई का स्वाद लिया था।
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