Water Shortage : उत्तराखंड में गहरा रहा जल संकट, सूख रहे प्राकृतिक स्रोत
Water Shortage : गर्मी का मौसम आते ही कई जगहों पर जल संकट गहराने लगता है। लेकिन हिमालई राज्यों में जल संकट बेहद कम देखा जाता है, वैसे तो उत्तराखंड को वाटर पावर कहा जाता है , लेकिन अब राज्य में जल संकट दिखाई देने लगा है।
पेयजल संकट :
हिमालई राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड के कई इलाके पानी को तरसने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अभी गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ है और प्राकृतिक स्रोत सूखने शुरू हो चुके हैं, इसके साथ ही कई जगहों पर पानी की कमी महसूस हो रही है, बता दें कि सबसे ज्यादा जल संकट उत्तर भारत में होती है, जो कहीं ना कहीं वैज्ञानिकों को के लिए भी चिंता का सबब बना हुआ है उत्तराखंड में 62% ऐसे प्राकृतिक स्रोत हैं जो 50% सूख चुके हैं जिसके बाद लोगों किसान ने जल संकट की समस्या पैदा हो गई है
Water Shortage :
पेयजल संकट उत्तराखंड के साथ ही उत्तर भारत के कई राज्यों में बड़ी समस्या बना हुआ है। खासकर गर्मियों के मौसम में पेयजल संकट के गहराने लगता है, वैज्ञानिकों का कहना है कि कई राज्यों में ग्राउंड वाटर भी तेज़ी से कम हो रहा है। पेयजल संकट की सबसे बड़ी समस्या जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि कई क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई है और तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे पेयजल संकट गहराना लाजमी है।
Water Shortage : बता दें कि भारत में खेती के लिए 55% वर्षा के जल पर निर्भरता है तो वहीं अन्य देशों में खेती के लिए भूमिगत जल का 80 से 85% इस्तेमाल होता है