Uttarakhand Madarsa Education Board : उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड को भंग करने की मांग,10 वी -12 वीं करने के बाद भी स्टूडेन्ट्स अनपढ़

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Uttarakhand Madarsa Education Board : उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड को भंग करने की मांग मुस्लिम नेताओं से लेकर मदरसों में तालीम दे रहे टीचर्स ने ही उठा दी है ऐसा इसलिए क्योंकि यहां से 10 वी -12 वीं करने के बाद भी स्टूडेन्ट्स अनपढ़ ही है और सरकारी नौकरी तो छोड़िये उन्हे कॉलेज में भी एडमिशन मिलना नामुमिकन है

Uttarakhand Madarsa Education Board

अबू बकर और सोहेल जैसे कई स्टूडेन्टस है जो उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड से एफिलेटेड मदरसों से 10 वीं और 12 वीं करने के बाद पछता रहे है और यहां से ली तालीम को अपने शिक्षा के साल बर्बाद होना मान रहे है , कई स्टूडेन्ट्स ऐसे है जो अब उत्तराखण्ड ओपन बोर्ड से दोबारा 10 वीं कर रहे है….. दरअसल उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड को सीबीएसई तो छोड़िये , उत्तराखण्ड बोर्ड की एजुकेशन की भी समकक्षता नहीं है ,जबकि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के मदरसा बोर्ड को यूपी बोर्ड के ही बराबर माना जाता है , ऐसे में यहां के टीचर्स और वक्फ बोर्ड भी मानता है कि मदरसा बोर्ड की जरूरत ही नहीं ,बोर्ड को भंग ही हो जाना चाहिये जब एजुकेशन को मान्यता ही नहीं ,मदरसों से पढ़े स्टूडेन्ट्स अनपढ़ ही माने जा रहे है 

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वाकई में हैरानी की बात की साल 2012 से ऐसा होता चला आ रहा है लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया ,ऐसे में उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड का औचित्य ही सवालों में आ गया है

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