Tungnath’s Kapat Closed : तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद
Tungnath’s Kapat Closed : पंच केदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार तुंगनाथ भगवान के कपाट विधि विधान से शीतकाल के लिए वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद कर दिये गये। सुबह से ही भगवान तुंगनाथ की पूजा अर्चना की गई, साथ ही भगवान को भोग प्रसाद भेंट किया गया। कपाट बंद होने के दौरान सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचे साथ ही स्थानीय महिलाओं ने मांगल गीतों और जय भोले के जयकारों के साथ उत्सव डोली को रवाना किया।
Tungnath’s Kapat Closed :
डोली रवाना :
Tungnath’s Kapat Closed : कपाट बंद होते ही तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने मंदिर की तीन परिक्रमा की। जिसके बाद भक्तों ने डोली के साथ मक्कूमठ की ओर प्रस्थान किया। मुख्य पुजारी अतुल मैठाणी ने आचार्यगणों और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों की मौजूदगी में भगवान की समाधि पूजा की गई। वहीं स्यंभू शिव लिंग को भस्म पुष्प पत्र आदि से ढककर समाधि रूप दे दिया गया। मंदिर की परिक्रमा करते भगवान तुंगनाथ जी के जयकारों के साथ प्रथम पड़ाव चोपता हेतु प्रस्थान हुई। भगवान तुंगनाथ जी की उत्सव डोली रात्रिविश्राम हेतु चोपता पहुंची।
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